जोमैटो को एक साल में 351 करोड़ रुपए का मुनाफा

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जोमैटो को एक साल में 351 करोड़ रुपए का मुनाफा

पूरे साल का रेवेन्यू यानी आय 12,114 करोड़ रहा है। वित्त वर्ष 2023 में उसे 971 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था और रेवेन्यू 7,079 करोड़ रुपए रहा था।

वहीं 2024 की चौथी तिमाही में कंपनी ने 175 करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज किया है। पिछले साल की समान तिमाही यानी Q4FY23 में, जोमैटो को 188 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। ये लगातार चौथी तिमाही है जब कंपनी की कमाई हरे निशान में रही है।

चौथी तिमाही में आय 73% बढ़कर 3,562 करोड़ पहुंची
कंपनी का रेवेन्यू भी चौथी तिमाही में सालाना आधार पर 73% बढ़कर 3,562 करोड़ रुपए हो गया है। कंपनी का रेवेन्यू ऐसे समय में बढ़ा है, जब ये सेक्टर कम मांग के दबाव से जूझ रहा है। पिछले साल की समान तिमाही में, जोमैटो ने 2,056 करोड़ रुपए का रेवेन्यू दर्ज किया था।

दीपिंदर ने 2008 में बनाई थी फूडीबे, फिर नाम बदल कर जोमैटो किया

  • दीपिंदर गोयल और पंकज चड्ढा ने मिलकर साल 2008 में फूडीबे नाम से अपनी फूड डायरेक्टरी वेबसाइट लॉन्च की थी। केवल नौ महीनों में, FoodieBay दिल्ली एनसीआर में सबसे बड़ी रेस्तरां डायरेक्टरी बन गई।

  • दो सक्सेसफुल साल के बाद 2010 में, कंपनी का नाम बदलकर जोमैटो कर दिया गया। दिल्ली-एनसीआर में अपनी सफलता के तुरंत बाद, कंपनी ने पुणे, अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद जैसे शहरों में ब्रांच फैलाना शुरू कर दिया।

  • 2012 तक, जोमैटो ने श्रीलंका, यूएई, कतर, दक्षिण अफ्रीका, यूके और फिलीपींस में अपनी सर्विसेज बढ़ाकर विदेशों में विस्तार करना शुरू कर दिया था। 2013 में न्यूज़ीलैंड, तुर्की और ब्राजील को इस लिस्ट में जोड़ा गया।

  • जोमैटो देश का पहला फूडटेक यूनिकॉर्न है। 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा वैल्यू वाले स्टार्टअप को यूनिकॉर्न कहा जाता है। जोमैटो ने पहली बार फाइनेंशियल ईयर 2024 की पहली तिमाही में 2 करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज किया था।

  • जोमैटो एक टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म है जो ग्राहकों, रेस्तरां पार्टनर्स और डिलीवरी पार्टनर्स को जोड़ता है। फूड डिलीवरी के अलावा ग्रॉसरी डिलीवरी के लिए जोमैटो के फाउंडर दीपिंदर गोयल ने अगस्त 2022 में ब्लिंकिट खरीदा था।


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